भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में देश के सबसे सुरक्षित बैंकों की सूची जारी की है। यह सूची उन बैंकों की है जिन्हें Domestic Systemically Important Banks (D-SIBs) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन बैंकों को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है कि अगर ये विफल होते हैं, तो इसका असर पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। इस लेख में, हम इन बैंकों की विशेषताओं और उनके महत्व पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
आरबीआई द्वारा घोषित सबसे सुरक्षित बैंक
आरबीआई ने तीन प्रमुख बैंकों को D-SIBs के रूप में नामित किया है:
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
- आईसीआईसीआई बैंक
- एचडीएफसी बैंक
इन बैंकों को उनकी स्थिरता और विश्वसनीयता के लिए चुना गया है। इन बैंकों को सरकार से समर्थन मिलने की संभावना होती है, जिससे ये बाजार में एक विशेष स्थान प्राप्त करते हैं।
D-SIBs का महत्व
D-SIBs का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ये बैंक किसी भी वित्तीय संकट के समय स्थिर रहें। इन बैंकों पर आरबीआई द्वारा विशेष ध्यान दिया जाता है और इन्हें अतिरिक्त पूंजी बनाए रखने की आवश्यकता होती है। यह पूंजी सुरक्षा सुनिश्चित करती है और इन्हें संभावित वित्तीय संकट से बचाती है।
D-SIBs का चयन कैसे होता है?
आरबीआई हर साल अगस्त में इन बैंकों का मूल्यांकन करता है। यह मूल्यांकन उनके कार्यक्षेत्र और सेवा की गुणवत्ता के आधार पर किया जाता है। इसके बाद, आरबीआई भारत के सबसे महत्वपूर्ण बैंकों की सूची तैयार करता है। 2015 से, आरबीआई ने भारतीय वित्तीय प्रणाली और अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने वाले महत्वपूर्ण बैंकों पर नजर रखी है।
D-SIBs की सुरक्षा और स्थिरता
इन बैंकों को अतिरिक्त पूंजी बनाए रखने की आवश्यकता होती है, जो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करती है। उदाहरण के लिए, SBI को अपनी संपत्ति का 0.60% टियर-1 इक्विटी के रूप में रखना होता है, जबकि HDFC और ICICI बैंक को 0.20% रखना होता है125।
D-SIBs का लाभ
इन बैंकों को D-SIBs के रूप में वर्गीकृत करने से उन्हें बाजार में एक विशेष लाभ मिलता है। ये बैंक अधिक स्थिर माने जाते हैं और ग्राहकों का विश्वास अर्जित करते हैं। इसके अलावा, सरकार की ओर से संभावित समर्थन मिलने की संभावना भी रहती है24।
D-SIBs: एक सारणी
विशेषता | विवरण |
बैंक का नाम | स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक |
वर्गीकरण | Domestic Systemically Important Banks (D-SIBs) |
मुख्य उद्देश्य | स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करना |
अतिरिक्त पूंजी आवश्यकता | SBI: 0.60%, HDFC और ICICI: 0.20% टियर-1 इक्विटी |
मूल्यांकन समय | हर साल अगस्त |
सरकारी समर्थन | संभव |
महत्व | भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण |
Disclaimer:
यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इस लेख में दी गई जानकारी वास्तविक तथ्यों पर आधारित है, लेकिन पाठक अपने विवेक से निर्णय लें। RBI द्वारा घोषित D-SIBs वास्तव में भारतीय वित्तीय प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण हैं और इन्हें सरकार का समर्थन प्राप्त हो सकता है।