बिहार में जमीन का सर्वे एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य राज्य में भूमि रिकॉर्ड को अपडेट करना और भूमि संबंधी विवादों को कम करना है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग इस काम में जुटा हुआ है और ग्रामीण इलाकों में सर्वे के बाद अब शहरी क्षेत्रों में भी सर्वे शुरू करने की तैयारी है।
सर्वे के दूसरे चरण में, रैयतों (जमीन मालिकों) को अपनी जमीन से जुड़ी जानकारी की स्वघोषणा करने की समय सीमा मार्च 2025 तक दी गई है। यह स्वघोषणा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा सकती है। इस लेख में, हम बिहार जमीन सर्वे के बारे में सभी जरूरी जानकारी देंगे, जिसमें स्वघोषणा कैसे करें, शहरी क्षेत्रों में सर्वे की तैयारी, और सर्वे के नए नियम शामिल हैं।
बिहार सरकार ने राज्य के सभी 45,000 मौजा में एक साथ जमीन सर्वे का काम शुरू कर दिया है। इस सर्वे का लक्ष्य भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल करना, भूमि उपयोग की योजना बनाना, और विकास कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण को आसान बनाना है।
सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सरकारी जमीन को भू-माफियाओं से बचाएं और सभी भू-स्वामित्व अभिलेखों को डिजिटल रूप में रखें। इससे राज्य में पारदर्शिता बढ़ेगी और निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
बिहार जमीन सर्वे 2025:
पहलू | जानकारी |
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सर्वे का नाम | बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण |
उद्देश्य | भूमि रिकॉर्ड को अपडेट और डिजिटल करना, विवादों को कम करना |
स्वघोषणा की अंतिम तिथि | मार्च 2025 |
स्वघोषणा का तरीका | ऑनलाइन और ऑफलाइन |
शहरी क्षेत्रों में सर्वे | जल्द शुरू होने की संभावना |
विभाग | राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग |
कुल मौजा | 45,000 |
समय सीमा में वृद्धि | अब जुलाई 2026 तक |
बिहार जमीन सर्वे में स्वघोषणा कैसे करें?
बिहार में जमीन सर्वे के दूसरे चरण में, रैयतों को अपनी जमीन के बारे में स्वघोषणा करनी होती है। स्वघोषणा करने के लिए, आपको दो फॉर्म भरने होंगे:
स्वघोषणा प्रपत्र 2 और वंशावली प्रपत्र 3। इसके साथ ही, आपको अपनी जमीन से जुड़े कुछ दस्तावेज भी जमा करने होंगे।
स्वघोषणा आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से कर सकते हैं। ऑनलाइन स्वघोषणा करने के लिए, आपको राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा. ध्यान रहे कि ऑनलाइन स्वघोषणा 21 फरवरी तक बंद है, क्योंकि विभागीय सर्वर में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं।
ऑफलाइन स्वघोषणा करने के लिए, आप अपने अंचल में स्थित विशेष सर्वेक्षण शिविर में जाकर फॉर्म और दस्तावेज जमा कर सकते हैं.
शहरी क्षेत्रों में जमीन सर्वे की तैयारी
बिहार सरकार अब ग्रामीण क्षेत्रों के बाद शहरी क्षेत्रों में भी जमीन सर्वे शुरू करने जा रही है। शहरी क्षेत्रों में सर्वे कैसे किया जाएगा, इसके बारे में विभाग जल्द ही दिशा-निर्देश जारी करेगा।
शहरी क्षेत्रों में सर्वे शुरू होने से शहर में रहने वाले लोगों को भी अपनी जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करने और जमीन से जुड़े विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
बिहार जमीन सर्वे के नए नियम
बिहार में जमीन सर्वे को लेकर कुछ नए नियम भी लागू किए गए हैं। इन नियमों का उद्देश्य सर्वे की प्रक्रिया को और भी आसान और पारदर्शी बनाना है। नए नियमों के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए, आप राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
बिहार भूमि सर्वेक्षण के मुख्य उद्देश्य
- पुराने और अधूरे भूमि अभिलेखों को आधुनिक तकनीक से अपडेट करना
- भूमि सीमा विवाद, स्वामित्व विवाद और अन्य संबंधित विवादों का समाधान करना
- भूमि उपयोग नियोजन और कृषि, उद्योग और अन्य गतिविधियों के लिए भूमि का उचित आवंटन करना
- सटीक भूमि अभिलेखों से राजस्व संग्रह में सुधार करना
- विकास कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को पारदर्शी और कुशल बनाना
बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण के फायदे
- जमीन मालिकों को उनकी जमीन का स्पष्ट और अद्यतित रिकॉर्ड मिलेगा
- जमीन से जुड़े विवाद कम होंगे
- भूमि का उचित उपयोग हो सकेगा
- सरकार को राजस्व संग्रह में मदद मिलेगी
- विकास कार्यों को गति मिलेगी
अभिलेखों को डिजिटल रूप में रखने का निर्देश
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि भूमि का उपयोग करने वाली सरकारी परियोजनाओं ने भी शायद म्यूटेशन नहीं करवाया है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विभागों को निर्देश देने के लिए इसकी भी जांच की जानी आवश्यक है।
सरकारी जमीन पूरे राज्य में फैली हुई है और खेसरा की पहचान करने की पहली प्रक्रिया में अपेक्षित सफलता मिली है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सत्यापन के दौरान अतिक्रमण या अवैध कब्जे का भी पता चलेगा, जिसके लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को सरकारी भूमि को भू-माफियाओं से बचाने तथा अधिक पारदर्शिता के लिए सभी भू-स्वामित्व अभिलेखों को डिजिटल रूप में रखने के निर्देश दिए गए हैं। सरकारी भूमि की पहचान से राज्य को विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और उद्योगों के लिए उनका उपयोग करने का अवसर मिलेगा।
निष्कर्ष
बिहार में जमीन सर्वे एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो राज्य के विकास और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। सरकार इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और लोगों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए।
अगर आपके पास जमीन है, तो आपको अपनी जमीन का सर्वे जरूर करवाना चाहिए और स्वघोषणा करनी चाहिए। इससे आपको भविष्य में जमीन से जुड़े किसी भी तरह के विवाद से बचने में मदद मिलेगी।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से ली गई है। हमारा उद्देश्य केवल जानकारी देना है और किसी भी योजना के बारे में दावा करना नहीं है। बिहार जमीन सर्वे से जुड़े तथ्यों और नियमों में बदलाव संभव है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी समझ और विवेक से काम लें और नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों से संपर्क करें।