DA hike: भारत में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता है, जो उन्हें बढ़ती महंगाई के प्रभाव से बचाने में मदद करता है। हाल ही में, मोदी सरकार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है जिसमें उन्होंने DA में 4% की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। यह खबर दिवाली से पहले आई है, जिससे लगभग 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ होगा। इस बढ़ोतरी के बाद DA की दर 50% से बढ़कर 54% हो जाएगी, जो कि 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होगी।
मुख्य जानकारी
सरकार द्वारा घोषित इस DA बढ़ोतरी का उद्देश्य कर्मचारियों को महंगाई के दबाव से राहत देना है। यह निर्णय देश भर में घरेलू बजट के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से।
विशेषता | विवरण |
बढ़ोतरी का प्रतिशत | 4% |
नई DA दर | 54% |
लाभार्थी | केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी |
लाभार्थियों की संख्या | लगभग 1 करोड़ |
लागू होने की तारीख | 1 जुलाई 2024 |
पिछली बढ़ोतरी | मार्च 2024 में 4% |
DA की वर्तमान दर | 50% |
बढ़ोतरी का कारण | महंगाई से राहत |
DA बढ़ोतरी का असर
इस बढ़ोतरी का सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा। अब उनकी तनख्वाह में अच्छा इजाफा होगा। आइए समझते हैं कुछ उदाहरणों से:
- 18,000 रुपये बेसिक पे वाले कर्मचारी को अब 9,720 रुपये DA मिलेगा, जो पहले 9,000 रुपये था।
- 56,900 रुपये बेसिक पे वाले कर्मचारी को 30,726 रुपये DA मिलेगा, जबकि पहले 28,450 रुपये मिलता था।
- 2,09,100 रुपये बेसिक पे वाले कर्मचारी को 1,12,914 रुपये DA मिलेगा, जो पहले 1,04,550 रुपये था।
इस तरह हर स्तर पर कर्मचारियों को फायदा होगा। पेंशनरों को भी इसी अनुपात में DR (Dearness Relief) में बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा।
DA बढ़ोतरी का इतिहास
DA में बढ़ोतरी एक नियमित प्रक्रिया है। पिछले कुछ सालों में DA में हुई बढ़ोतरी इस प्रकार है:
- मार्च 2024: 4% बढ़ोतरी (46% से 50%)
- सितंबर 2023: 4% बढ़ोतरी (42% से 46%)
- मार्च 2023: 4% बढ़ोतरी (38% से 42%)
- सितंबर 2022: 4% बढ़ोतरी (34% से 38%)
- मार्च 2022: 3% बढ़ोतरी (31% से 34%)
यह प्रक्रिया महंगाई दर के हिसाब से तय की जाती है और आमतौर पर साल में दो बार होती है।
DA बढ़ोतरी और बजट पर असर
DA में बढ़ोतरी का सरकारी खजाने पर भी असर पड़ता है। इस बार की 4% बढ़ोतरी से सरकार पर करीब ₹12,800 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। यह राशि सरकार को अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को देनी होगी।
Disclaimer
यह लेख सरकारी घोषणाओं पर आधारित है और इसका उद्देश्य जानकारी प्रदान करना है। कृपया ध्यान दें कि यह जानकारी समय-समय पर बदल सकती है और आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करना आवश्यक है। लेख में दी गई जानकारी वास्तविक सरकारी घोषणाओं पर आधारित है और इसका उद्देश्य पाठकों को सूचित करना मात्र है।