केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। अब CBSE बोर्ड परीक्षा, जो कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए आयोजित की जाती है, साल में दो बार आयोजित की जाएगी। यह बदलाव नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों पर से परीक्षा के तनाव को कम करना और उन्हें अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने का एक और मौका देना है।
यह नया सिस्टम 2026 से लागू होगा। अब छात्रों को साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का मौका मिलेगा, जिससे वे अपने अंकों को सुधार सकते हैं और बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। इस लेख में हम इस नए सिस्टम के बारे में विस्तार से जानेंगे और यह भी जानेंगे कि छात्रों के नंबर कैसे जोड़े जाएंगे।
CBSE बोर्ड परीक्षा 2025
विवरण | जानकारी |
---|---|
परीक्षा का नाम | CBSE कक्षा 10 और 12 बोर्ड परीक्षा |
बदलाव | साल में दो बार परीक्षा |
कब से लागू | 2026 से |
उद्देश्य | छात्रों के तनाव को कम करना और प्रदर्शन सुधारने का मौका देना |
अंकों का मूल्यांकन | दोनों परीक्षाओं में से बेहतर अंक अंतिम परिणाम में जोड़े जाएंगे |
सुझाव आमंत्रित | 9 मार्च तक हितधारकों से सुझाव आमंत्रित |
CBSE बोर्ड परीक्षा में बदलाव का उद्देश्य
CBSE बोर्ड परीक्षा में यह बड़ा बदलाव निम्नलिखित उद्देश्यों को ध्यान में रखकर किया गया है:
- तनाव कम करना: छात्रों पर परीक्षा के दबाव को कम करना।
- बेहतर प्रदर्शन का अवसर: छात्रों को अपने प्रदर्शन को सुधारने का एक और मौका देना।
- लचीलापन: छात्रों को अपनी गति से सीखने और परीक्षा देने की सुविधा प्रदान करना।
- मूल्यांकन में सुधार: छात्रों का मूल्यांकन केवल एक परीक्षा पर आधारित न होकर पूरे वर्ष के प्रदर्शन पर आधारित होगा।
परीक्षा का नया पैटर्न
नए पैटर्न के अनुसार, CBSE बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी।
- पहला चरण 17 फरवरी से 6 मार्च तक और दूसरा चरण 5 मई से 20 मई तक आयोजित किया जाएगा। इससे छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
- छात्रों को दोनों परीक्षाओं में बैठने का विकल्प होगा और वे जिस परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करेंगे, उसके अंकों को अंतिम परिणाम में गिना जाएगा।
अंकों का मूल्यांकन कैसे होगा?
नए सिस्टम में अंकों का मूल्यांकन इस प्रकार किया जाएगा:
- छात्र दोनों परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं।
- यदि छात्र किसी एक परीक्षा में अनुपस्थित रहते हैं, तो दूसरी परीक्षा के अंकों को ही अंतिम माना जाएगा।
- यदि छात्र दोनों परीक्षाओं में शामिल होते हैं, तो जिसमें बेहतर अंक प्राप्त होंगे, उन्हें अंतिम परिणाम के लिए चुना जाएगा।
छात्रों के लिए फायदे
इस बदलाव से छात्रों को कई फायदे होंगे:
- तनाव में कमी: साल में दो बार परीक्षा होने से छात्रों पर एक साथ पूरे सिलेबस को कवर करने का दबाव कम होगा।
- प्रदर्शन सुधारने का मौका: यदि छात्र पहली परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें दूसरी परीक्षा में सुधार का मौका मिलेगा।
- तैयारी के लिए अधिक समय: परीक्षा की तैयारी के लिए अधिक समय मिलेगा, जिससे बेहतर प्रदर्शन की संभावना बढ़ेगी।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: छात्र बेहतर तैयारी के साथ परीक्षा में शामिल होंगे, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
विशेषज्ञों की राय
इस बदलाव पर विशेषज्ञों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह छात्रों के लिए फायदेमंद होगा, क्योंकि इससे उन्हें तनाव कम करने और बेहतर प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा। वहीं, कुछ अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि इससे परीक्षा की तैयारी और मूल्यांकन प्रक्रिया में अधिक समय लगेगा।
यह बदलाव कब से लागू होगा?
यह नया सिस्टम शैक्षणिक वर्ष 2026 से लागू होगा। CBSE ने इस संबंध में एक ड्राफ्ट जारी किया है और हितधारकों से 9 मार्च तक सुझाव मांगे हैं।
निष्कर्ष
CBSE द्वारा बोर्ड परीक्षा को साल में दो बार आयोजित करने का निर्णय एक प्रगतिशील कदम है, जिसका उद्देश्य छात्रों को बेहतर शिक्षा और मूल्यांकन का अवसर प्रदान करना है। यह प्रणाली छात्रों पर से परीक्षा का तनाव कम करेगी और उन्हें अपने प्रदर्शन को सुधारने का एक और मौका देगी। इससे छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा और वे अधिक आत्मविश्वास के साथ अपने भविष्य का निर्माण कर सकेंगे।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया नवीनतम अपडेट और जानकारी के लिए CBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।