बिहार में किसानों के लिए धान की खरीद एक महत्वपूर्ण विषय है। इस वर्ष, राज्य सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाकर 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। धान की कटाई का काम तेजी से चल रहा है और किसानों को अपनी फसल बेचने में रुचि है। पिछले 12 दिनों में लगभग 230 टन धान की खरीद की गई है, जिससे किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल रहा है।
बिहार में किसानों को कितना मिल रहा धान का भाव, 12 दिनों में 230 टन खरीद
बिहार में धान की खरीदारी का कार्य 1 नवंबर से शुरू हुआ था। अब तक विभिन्न जिलों में किसानों से 37,030 टन धान की खरीद हो चुकी है। सहकारी समितियों और व्यापार मंडलों द्वारा यह खरीद की जा रही है। इस वर्ष धान की खरीद में तेजी लाई गई है, जिससे किसानों को लाभ हो रहा है।
धान खरीदने की प्रक्रिया
- खरीदारी केंद्र: राज्य के लगभग 2000 पैक्सों और व्यापार मंडलों पर धान की खरीद की जा रही है।
- किसानों की संख्या: रैयत किसान अधिकतम 250 क्विंटल और गैर रैयत किसान 100 क्विंटल धान बेच सकते हैं।
- नमी स्तर: धान की नमी 17% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
विवरण | जानकारी |
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खरीदारी प्रारंभ | 1 नवंबर, 2024 |
कुल खरीदी | 37,030 टन |
साधारण धान मूल्य | 2300 रुपये प्रति क्विंटल |
ग्रेड ए धान मूल्य | 2320 रुपये प्रति क्विंटल |
किसानों की श्रेणी | रैयत और गैर रैयत |
नमी मानक | अधिकतम 17% |
भुगतान अवधि | 48 घंटे |
किसानों के लिए लाभ
इस वर्ष धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि हुई है, जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिल रहा है। सहकारी समितियों द्वारा खरीदी जाने वाली फसलें सीधे किसानों के हाथों में पहुंच रही हैं। इसके अलावा, व्यापारी भी अपने संसाधनों के माध्यम से खेतों से धान खरीद रहे हैं, जिससे किसानों को अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ता।
चुनौतियाँ
हालांकि, कुछ समस्याएँ भी हैं:
- सहकारी समितियों में बिक्री करते समय किसानों को कई प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है।
- किसान अपनी फसल को बिक्री केंद्र पर ले जाने के लिए मजदूरों का सहारा लेते हैं, जिससे अतिरिक्त खर्च होता है।
भविष्य की संभावनाएँ
धान की कटाई का काम दिसंबर के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है। निचले क्षेत्रों में जनवरी तक भी कटाई जारी रह सकती है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी पैक्सों पर आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हों ताकि प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी वास्तविकता पर आधारित है और बिहार सरकार द्वारा लागू योजनाओं का एक हिस्सा है। यह योजना किसानों के लिए लाभकारी मानी जा रही है और इसे सही तरीके से लागू किया जा रहा है।