Petrol Diesel Price Cut: इन 10 राज्यों की जनता को मिलेगी राहतपेट्रोल-डीजल पर ₹17 तक की छूट, फटाफट चेक करें लिस्ट 

दिवाली के मौके पर केंद्र सरकार के बाद अब कई राज्यों ने भी जनता को राहत दी है। पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती से लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत मिलेगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब त्योहारों का सीजन चल रहा है, और लोग खरीदारी और यात्रा के लिए ज्यादा पैसे खर्च करते हैं।

पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी का असर सिर्फ गाड़ी चलाने वालों पर ही नहीं, बल्कि आम आदमी पर भी पड़ेगा। क्योंकि परिवहन लागत कम होने से खाने-पीने की चीजें और अन्य जरूरी सामान भी सस्ते होंगे। इससे लोगों को त्योहार मनाने में थोड़ी आसानी होगी।

हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि अलग-अलग राज्यों में वैट की दरें अलग-अलग होती हैं, इसलिए कीमतों में कमी भी अलग-अलग होगी। केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये की कटौती की थी।

इस फैसले से परिवहन लागत कम होने की उम्मीद है, जिससे जरूरी चीजों की कीमतें भी कम हो सकती हैं। तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल पंप डीलरों को कमीशन बढ़ाने का भी फैसला किया है।

पेट्रोल-डीजल के दामों में कटौती:

विशेषताविवरण
कटौती का कारणकेंद्र सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में कटौती और राज्य सरकारों द्वारा वैट में कमी
कटौती की राशिकुछ राज्यों में डीजल ₹17 तक सस्ता हुआ
लागू होने की तिथिदिवाली के आसपास
प्रभावपरिवहन लागत में कमी, जरूरी चीजों की कीमतों में संभावित कमी
राज्यों की संख्या15 राज्यों ने केंद्र सरकार के फैसले के बाद वैट में कटौती की
कमीशन में वृद्धितेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल पंप डीलरों को कमीशन बढ़ाने का फैसला किया

किन राज्यों ने दी राहत?

केंद्र सरकार के फैसले के बाद 15 राज्यों ने भी पेट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती की घोषणा की। इन राज्यों के नाम इस प्रकार हैं:

  1. आंध्र प्रदेश
  2. अरुणाचल प्रदेश
  3. कर्नाटक
  4. मध्य प्रदेश
  5. मणिपुर
  6. मेघालय
  7. मिजोरम
  8. नागालैंड
  9. पुडुचेरी
  10. त्रिपुरा
  11. असम
  12. बिहार
  13. गोवा
  14. गुजरात
  15. हरियाणा

इन राज्यों में पेट्रोल और डीजल के दामों में अलग-अलग मात्रा में कमी आई है, जो वैट की दरों पर निर्भर करती है।

पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे तय होते हैं?

भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम कई चीजों पर निर्भर करते हैं, जिनमें कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें, टैक्स और मुद्रा विनिमय दर शामिल हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें दोनों ही इन पर टैक्स लगाती हैं, जिससे इनकी कीमतें बढ़ जाती हैं।

पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन, एंट्री टैक्स और राज्यों में वैट की दरें जोड़ने के बाद तय होती हैं। चूंकि राज्य सरकारें तेल की कीमतों पर अलग-अलग वैट लगाती हैं, इसलिए राज्यों में तेल (पेट्रोल और डीजल) की कीमतें अलग-अलग होती हैं।

आम आदमी पर क्या होगा असर?

  • महंगाई में कमी: परिवहन लागत कम होने से खाने-पीने की चीजें और अन्य जरूरी सामान सस्ते होंगे।
  • यात्रा सस्ती: पेट्रोल और डीजल के दाम कम होने से गाड़ी चलाना सस्ता होगा, जिससे लोग आसानी से यात्रा कर सकेंगे।
  • त्योहारों में राहत: दिवाली जैसे त्योहारों में लोग ज्यादा खरीदारी और यात्रा करते हैं, इसलिए दामों में कमी से उन्हें थोड़ी राहत मिलेगी।

हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव और रुपये की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव से भी पेट्रोल और डीजल के दाम प्रभावित होते हैं।

निष्कर्ष

केंद्र सरकार के बाद कई राज्यों द्वारा पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती एक स्वागत योग्य कदम है। इससे आम आदमी को महंगाई से थोड़ी राहत मिलेगी और त्योहारों का सीजन थोड़ा आसान हो जाएगा। हालांकि, यह देखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव का असर आने वाले दिनों में कितना रहता है।

Disclaimer:

इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न स्रोतों से ली गई है। हमने यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की है कि जानकारी सटीक और अद्यतित हो, लेकिन हम इसकी पूर्णता या सटीकता की गारंटी नहीं देते हैं। पेट्रोल और डीजल के दामों से जुड़े किसी भी फैसले से पहले तेल कंपनियों की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से जानकारी जरूर लें।

यह भी ध्यान रखें कि पेट्रोल और डीजल के दामों के बारे में दी गई जानकारी बाजार स्थितियों पर निर्भर करती है, और समय के साथ बदल सकती है। इसलिए, हमेशा नवीनतम जानकारी की पुष्टि करें।

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